Monday, March 15, 2010

अदालत का सामना करें ‘भगोड़े’ हुसैन: विहिप

अदालत का सामना करें ‘भगोड़े’ हुसैन: विहिप

विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि हिंदू देवी-देवताओं के अश्लील चित्रकारी कर चर्चित हुए विवादित चित्रकार एम.एफ. हुसैन को अपने कुकृत्यों के कारण चल रहे मुकदमों का डटकर सामना करना चाहिए।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. सुरेन्द्र जैन ने शुक्रवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हुसैन को भगोड़े अपराधियों की तरह भारत से भागने के बजाए, भारत में आकर न्यायपालिका का सामना करना चाहिए।
डा. जैन ने कहा कि कला के नाम पर भारत माता और हिंदू देवी-देवताओं के अश्लील चित्रण के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, इसको हुसैन अपने समर्थकों से ज्यादा समझते हैं। इसलिये उनके समर्थन में चलाये जा रहे अभियानों से वे प्रभावित नहीं हो रहे।
इस बीच विहिप प्रवक्ता ने साफ कहा कि, ‘एम.एफ. हुसैन हिन्दूवादी संगठनों से डरकर नहीं अपितु अपने कुकृत्यों की वजह से चल रहे मुकदमों के संभावित परिणामों से डरकर भारत से भागे थे।’
उन्होंने कहा कि भारत माता का नंगा चित्र बनाते समय उन्हें अवश्य स्मरण रहा होगा कि उन्होंने मदर टेरेसा और फातिमा का चित्रण शालीनता के साथ किया था। उनका यह दोहरा मापदंड आंख पर पट्टी बांधने वाले समर्थकों को शायद नहीं दिखाई दे रहा है। डा. जैन ने कहा कि हुसैन का समर्थन करने वाले कलाकारों को बीबी फातिमा और मदर टेरेसा के अश्लील चित्र बनाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्राता की दुहाई देनी चाहिए।
विहिप प्रवक्ता ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद किसी भी व्यक्ति की आस्था का अपमान करने के पक्ष में नहीं है। इसीलिये जब बड़ोदरा के एक चित्रकार ने जीसस का अपमानजनक चित्र बनाया था तो हमने उसका विरोध किया था। परन्तु तस्लीमा नसरीन और एम.एफ. हुसैन के कृत्यों से भारत की सैक्युलर बिरादरी का दोगलापन स्पष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब के किसी अखबार में जीसस का आपत्तिजनक चित्रण होता है, कर्नाटक में कोई मनगढ़ंत लेख छपता है या किसी स्वीडिश पत्रकार के चित्रों से अकारण हिंसा भड़कती है एवं तथा निर्दोष हिंदुओं के जानमाल पर हमला किया जाता है तो ये सेक्युलर बिरादरी गला फाड़कर आस्थाओं के सम्मान की बात करती है परन्तु कोई भी हिंसा की निंदा नहीं करता।
डा. जैन ने कहा कि एम.एफ. हुसैन को कतर ने अपनी नागरिकता हिन्दू धर्म के अपमान के कारण दी है न कि कला के सम्मान के लिए। विहिप प्रवक्ता ने कहा कि भारत का हिंदू समाज किसी भी प्रकार की आलोचना से डरने वाला नहीं है।

 

 

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