हाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी मानुष के नाम पर महाराष्ट्र में रह रहे ग़ैर-मराठियों के ख़िलाफ़ पिछले कुछ समय से अभियान चला रखा है।
हम यहां मनसे प्रमुख राज ठाकरे का बयान प्रकाशित कर रहे हैं-
नए अकादमिक सत्र की शुरुआत होने जा रही है और हम इन शिक्षण संस्थानों पर ऩजर रखेंगे। हम जानते हैं कि उत्तर-प्रदेश और बिहार के ये प्रभावी छात्र अहंकारी व्यवहार करते हैं और छेड़छाड़ आदि में लिप्त रहते हैं। अगर उनका रवैया नहीं बदला तो उन्हें सबक सिखाया जाएगा। (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों को कई इलाकों में घेर-घेर कर मारा। परीक्षा केंद्रों में घुसकर भी छात्रों की पिटाई और उन्हें वहां से भगा दिया।) छात्रों की पिटाई जायज है और पार्टी का यह अभियान जारी रहेगा।
उत्तर भारतीयों को महाराष्ट्र की संस्कृति से खिलवाड़ नहीं करने देंगे। बिहार से आए लोग ‘छठ का ड्रामा’ करके मुंबई में वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में सिर्फ महाराष्ट्र दिवस मनाया जाएगा।
महाराष्ट्र के निवासी होने के बावजूद फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने राज्य के लिए ख़ास कुछ नहीं किया। जब उन्हें (अमिताभ को) चुनाव लड़ना था तो वह इलाहाबाद चले गए। उन्होंने मुंबई से चुनाव क्यों नहीं लड़ा? यहाँ तक कि ब्रांड अंबेसडर बनने के लिए भी उन्होंने उत्तर प्रदेश को ही चुना। (सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के घर पर राज ठाकरे के गुंडों ने हुड़दंग मचाया।)
भाषा बोलना, लिखना और पढ़ना आने से ही केवल काम नहीं चलेगा। मुंबई में उसे ही नौकरी दी जानी चाहिए जो इस राज्य में जन्मे हैं।
हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है। उसे केवल आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। संविधान में ये कहीं नहीं लिखा है कि हिन्दी राष्ट्रभाषा है फिर इसे लेकर इतना बवाल क्यों मचाया जा रहा है। किसी की हिम्मत कैसे हो जाती है कि वो महाराष्ट्र में हिंदी में शपथ ले। (राज ठाकरे की धमकी के बावजूद विधानसभा में हिंदी में शपथ लेने पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक विधायक राम कदम ने थप्पड़ मार दिया। उनके साथ हाथापाई की गई और उनपर लात-घूंसे भी बरसाए गए। राज ने विधानसभा में हिन्दी में शपथ लेने पर सपा विधायक अबू आजमी से हाथापाई करने वाले अपने विधायकों की पीठ थपथपाई।)
अगर महाराष्ट्र अलग राष्ट्र बन जाए तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होगे।
भाजपा का कहना है कि महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, वह कांग्रेस की घृणित विभाजनकारी राजनीति का खेल है। वह महाराष्ट्र का सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न कर प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंकना चाहती है। भाजपा का मानना है कि दरअसल कांग्रेस राज ठाकरे को मोहरा बनाकर मराठी वोटों को बांटने के साथ गैर मराठी वोटों को आंतकित कर हड़पना चाहती है।
कांग्रेस राज ठाकरे को हीरो बनाकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है। गौरतलब है कि 70 के दशक में बाल ठाकरे ने जब दक्षिण भारतीयों के खिलाफ अभियान चलाया था तब भी कांग्रेस का हाथ उनकी पीठ पर था और अब राज ठाकरे तथा उनके समर्थकों ने समूचे महाराष्ट्र में जो हिंसात्मक अभियान चलाया है उसे भी वहां की कांग्रेस सरकार के रवैये ने बल प्रदान किया है।
शिव सेना का कहना है कि राज ठाकरे का अंजाम जिन्ना जैसा ही होगा। जिन्ना ने देश तोड़ा और राज ठाकरे मराठी समाज को तोड़ रहे हैं। राज मराठियों को कांग्रेस की सुपारी लेकर तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ता “चूहा” हैं।
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