Friday, January 22, 2010

बंदों पर ना आये आंच, आका ऐसी करायें जांच

सिवनी। जिले की कांग्रेसी राजनीति का हाल यह हो गया हैं कि सिवनी और बरघाट विस क्षेत्र से 1990 के चुनाव से कांग्रेस हारती चली आ रही हैं। पिछले तीन लोक सभा चुनावों में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी हैं। हर बार भीतरघात के आरोप प्रत्याशियों ने लगाये लेकिन भीतरघात करने वाले कांग्रेसियों के आका मध्यप्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह इतने अधिक ताकतवर हो चुकें हैं कि इनके समर्थकों का बाल भी बांका नहीं हो पाता हैं। ऐसा ही कुछ दृश्य इस नगरपालिका चुनाव में भी दिखा। सिवनी के अध्यक्ष पद के इंका प्रत्याशी संजय भारद्वाज ने चुनाव के दौरान ही चार इंका नेताओं जिला इंका के महामंत्री द्वय हीरा आसवानी,असलम खॉन,युवा इंका के राष्ट्रीय समन्वयक राजा बघेल और नपा उपाध्यक्ष संतोष उर्फ नान्हू पंजवानी के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। इनमें राजा बधेल और नान्हू पंजवानी को तो निष्कासित और निलंबित कर दिया गया हैं लेकिन असलम भाई को नोटिस जारी किया गया हैं तथा हीरा आसवानी का मामला प्रदेश इंका को भेज दिया गया हैं। इंकाई खेमे में एक बार फिर यह चर्चा चल पड़ी हैं कि हरवंश सिंह इन नेताओं के बचाव में सामने आ गये हैं। वैसे भी इंका में यह कहावत चटखारे के साथ चर्चित रहती हैं कि पार्टी और प्रत्याशी भले ही हारते रहें पर बंदों पर ना आये आंच, आका ऐसी करायें जांच, अब देखना यह हैं कि जिन इंका नेताओं पर अनुशासन का डंड़ा चला हैं वे इस बार भी हमेशा की तरह बच जाते हैं या फिर सजा पाते हैं।

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